Lapis Lazuli और Amethyst
🌟 नमस्कार दोस्तों!
क्या आप जानते हैं कि कुछ रत्न न केवल आपकी सुंदरता बढ़ाते हैं, बल्कि आपके शरीर के ऊर्जा केंद्रों (Chakras) को भी संतुलित कर सकते हैं? आज हम Lapis Lazuli (लाजवर्द) और Amethyst (जमुनीया) के बारे में चर्चा करेंगे, जो मानसिक और आध्यात्मिक ऊर्जा को जागृत करने के लिए जाने जाते हैं।
आइए विस्तार से जानते हैं कि ये रत्न किन चक्रों को प्रभावित करते हैं, इनसे मिलने वाले लाभ, और इनकी सही धारण विधि।
🔹 1. Lapis Lazuli: सत्य और बुद्धि का रत्न
📌 क्या है Lapis Lazuli?
Lapis Lazuli एक सुंदर गहरे नीले रंग का रत्न है, जिसमें छोटे सोने जैसे चमकीले कण होते हैं। इसे सत्य, ज्ञान और आत्म-जागरूकता का प्रतीक माना जाता है। प्राचीन काल में इसे राजा-महाराजाओं, विद्वानों और आध्यात्मिक गुरुओं द्वारा पहना जाता था।
🌀 कौन से चक्रों को प्रभावित करता है?
🔹 थ्रोट चक्र (Vishuddha Chakra – गला चक्र):
👉 यह चक्र संवाद (communication), आत्म-विश्वास और अभिव्यक्ति से जुड़ा होता है।
👉 Lapis Lazuli इस चक्र को संतुलित कर बोलने की क्षमता और विचारों की स्पष्टता बढ़ाता है।
🔹 थर्ड आई चक्र (Ajna Chakra – आज्ञा चक्र):
👉 यह बुद्धिमत्ता, अंतर्ज्ञान और आत्मिक ज्ञान का केंद्र होता है।
👉 Lapis Lazuli इस चक्र को सक्रिय कर आध्यात्मिक जागरूकता और मानसिक स्पष्टता लाता है।
✨ Lapis Lazuli के लाभ
✅ विचार शक्ति और निर्णय लेने की क्षमता बढ़ाए
✅ आत्म-विश्वास और संवाद कौशल सुधारे
✅ नकारात्मक ऊर्जा को दूर कर सकारात्मकता लाए
✅ आध्यात्मिक जागरूकता और मानसिक शांति प्रदान करे
🧑⚖️ कौन इसे धारण कर सकता है?
👉 जिनकी कुंडली में बृहस्पति (Jupiter) कमजोर हो।
👉 जिनका अंक 3, 6 या 9 हो।
👉 शिक्षक, वक्ता, लेखक, नेता और छात्र।
💍 कैसे पहनें?
🔹 इसे सोने या चांदी की अंगूठी या लॉकेट में बनवाकर पहनें।
🔹 गुरुवार को शुभ मुहूर्त में धारण करें।
🔹 पहनने से पहले इसे गंगाजल या कच्चे दूध में डुबोकर शुद्ध करें।
🔹 इसे गले में लॉकेट या तर्जनी उंगली में पहनने से अधिक लाभ मिलता है।

🔹 2. Amethyst: मानसिक शांति और आध्यात्मिक ऊर्जा का स्रोत
📌 क्या है Amethyst?
Amethyst एक खूबसूरत बैंगनी (Violet/Purple) रंग का रत्न है, जो शनि ग्रह (Saturn) से जुड़ा हुआ है। इसे "शांति का रत्न" कहा जाता है क्योंकि यह तनाव और चिंता को दूर करने में मदद करता है।
🌀 कौन से चक्रों को प्रभावित करता है?
🔹 क्राउन चक्र (Sahasrara Chakra – सहस्रार चक्र):
👉 यह चक्र आध्यात्मिकता, ब्रह्मांडीय ऊर्जा और आत्म-ज्ञान का केंद्र होता है।
👉 Amethyst इस चक्र को सक्रिय कर ध्यान (meditation) और आत्म-जागरूकता को बढ़ाता है।
🔹 थर्ड आई चक्र (Ajna Chakra – आज्ञा चक्र):
👉 यह अंतर्ज्ञान, मानसिक स्पष्टता और सपनों की व्याख्या से जुड़ा है।
👉 Amethyst इस चक्र को सक्रिय कर गहरी सोच और आत्म-निरीक्षण में सहायता करता है।
✨ Amethyst के लाभ
✅ तनाव और चिंता से मुक्ति दिलाए
✅ बेहतर नींद और स्पष्ट सपने देखने में मदद करे
✅ नशे की लत से छुटकारा दिलाने में सहायक
✅ आध्यात्मिक जागरूकता और ध्यान में सहायता करे
✅ नकारात्मक ऊर्जा और ईर्ष्या से बचाए
🧑⚖️ कौन इसे धारण कर सकता है?
👉 जिनकी कुंडली में शनि ग्रह कमजोर या प्रतिकूल हो।
👉 जिनका अंक 7, 8 या 9 हो।
👉 ध्यान साधक, योगी और मानसिक तनाव से ग्रस्त लोग।
💍 कैसे पहनें?
🔹 इसे चांदी, प्लैटिनम या पंचधातु में अंगूठी या लॉकेट बनवाकर पहनें।
🔹 इसे शनिवार की शाम को धारण करें।
🔹 पहनने से पहले इसे गंगाजल और गुलाब जल में डुबोकर शुद्ध करें।
🔹 इसे मध्यमा (Middle Finger) या अनामिका (Ring Finger) में पहनना अधिक लाभकारी होता है।

🔢 अंक ज्योतिष (Numerology) में इन रत्नों का महत्व
🔷 Lapis Lazuli – अंक 3 (बृहस्पति ग्रह)
👉 यह रचनात्मकता, ज्ञान और नेतृत्व क्षमता को बढ़ाने में सहायक है।
👉 अंक 3, 6 और 9 वालों के लिए यह अत्यधिक शुभ होता है।
🔷 Amethyst – अंक 7 (शनि और नेपच्यून ग्रह)
👉 यह आध्यात्मिकता, मानसिक संतुलन और आत्म-खोज में मदद करता है।
👉 अंक 7 और 8 वालों के लिए यह अत्यंत लाभकारी है।
📌 ध्यान देने योग्य बातें
✔ सही रत्न चुनने के लिए ज्योतिष विशेषज्ञ की सलाह लें।
✔ रत्न को नियमित रूप से साफ करें और ऊर्जा को पुनः सक्रिय बनाए रखें।
✔ सही धारण विधि का पालन करें, अन्यथा हानिकारक प्रभाव हो सकते हैं।
🌟 आप भी इन दिव्य रत्नों को धारण कर अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव लाएं!
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